नरेंद्र इंगले, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
मई 2019 में होने वाले लोकसभा के आम चुनावों के लिए भाजपा कि ओर से जिला परीषद गुट निकाय सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। 21 सितंबर को शेंदूर्नी मे इसी सम्मेलन के दौरान सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि भले हि पहुर या शेंदुर्नी नए तहसिल बन जाए लेकिन क्षेत्र से विधायक वही बने रहेंगे। इसी प्रतिक्रिया को एक मराठी अखबार ने बतौर बाटम लाईन छापा है। मंच पर रावेर लोकसभा कि वर्तमान सांसद रक्षा खडसे भी मौजुद थी। महाजन के मंत्री पद का कार्यकाल को अभी 1 साल शेष है ऐसे में सुबे के जलसंपदा विभाग जिसका सालाना बजट करीब 8 हजार करोड तक है उसके मंत्रीपद का जिम्मा संभालने वाले मंत्रीजी को अगली बार विधानसभा आम चुनावों से पहले ही केवल विधायक बने रहने मे भला दीलचस्पी क्यों है, ऐसा सवाल राजनितीक समीक्षकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं 16 सितंबर को नेरी में एक समारोह में पधारे NCP सुप्रीमो शरद पवार के दौरे के ठीक सप्ताह के बीच क्षेत्र से लगातार पांच बार विधायक चुने गए महाजन की ओर से आयी यह प्रतिक्रिया काफ़ी मायने इस लिए रखती है क्योंकि मंच शेंदुर्नी में लगा था। सुत्रो के मुताबीक नेरी के अपने दौरे मे श्री पवार ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी प्रत्याशी के रुप में एक सर्वमान्य तथा आम लोगों में पैठ रखने वाले गद्दावर नेता के नामांकन को हरी झंडी दे दी है जिसके चलते अब NCP में किसी तरह का विवाद नहीं बचा है। पूरे देश भर में जहाँ केंद्र कि मोदी सरकार नोटबंदी, राफेल सौदा, जीएसटी, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर घिरती नजर आ रही है वहीं सूबे कि फ़डनवीस सरकार की छवि भी आरक्षण पर वादाखिलाफ़ि तथा किसान आंदोलनों से क्षतिग्रस्त हुई है ऐसे में जिला भाजपा में खडसे – महाजन के बीच चल रही खुली गुटबाजी और सत्तासम्मान से वंचित बहुजन समाज के बडे तबकों के साथ किया गया पक्षपात भाजपा के लिए चिंता का विषय बना है। तहसील में भी स्थिति इसके विपरीत नहीं है। वैसे भी गिरीश बापट जैसे मंत्री अपने बयानों में सार्वजनिक रुप से पार्टी कि सत्तावापसी कि उम्मीदो से पहले ही किनारा कर चुके हैं। बहरहाल राजनितीक जानकारों के आंकलन के मुताबिक महाजन लोकसभा चुनाव के बहाने खुद कि सीट के लिए विधानसभा कि तैयारियों मे जुट चुके हैं और उस दिशा में पार्टी सम्मेलनों के मंच से जनसंदेशों को प्रचारित भी कर रहे हैं। मंत्री जी के इस बयान पर विपक्षी खेमे से फिल्हाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बहरहाल मंत्री महाजन के विधायक बने रहने के उक्त बयान से राजनितीक गलियारों में कई तार्किक सवालों और संभावनाओं को जन्म जरुर दिया है जिसके मंथन में विशेषज्ञ लगे हुए हैं।
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