नरेंद्र इंगले, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
16 सितंबर को किसी कर्मठ विचारों से बाधीति गुंडो द्वारा मवेशी चोरी के संदेह पर 16 साल के बेकसुर तौसिफ शेख की पिटाई के मामले मे स्थानीय पुलिस ने अज्ञात तत्वो के खिलाफ धारा 323 , 324 , 143 , 147 , 148 , 149 के तहत मामला दर्ज कर ली है। इस बैड मौब लिंचिग मे पीडित तौफीक को गांव गुंडों ने इस कदर पीटा था कि मानो उसने कोई देशद्रोह वाला जगन्य अपराध कर दिया हो। घटना के बाद पुलिस ने 4 आरोपियों को चिन्हित कर धारा 323 , 427 ,34 तहत प्राथमीकि दर्ज की थी जिसके बाद अभियुक्तो को जमानती प्रावधान वाली धारा 107 अनूसार रिहा कर दिया गया। इस दौरान पूरी प्रक्रिया मे आरोपियों के समर्थन में कथित संकटमोचकों का तांता कोतवाली मे दिखाई पडा। पीड़ित डीत को न्याय दिलाने के लिए मुस्लिम समाज के प्रतिनीधी मंडल ने एसपी से मुलाकात की तब जाकर आरोपीयो पर दंगे का मामला दर्ज किया गया। मजे कि बात तो यह है कि जमानत पर रिहा चारों चिन्हित आरोपी फरार होने मे कामयाब रहे। वहीं सूत्रों के मुताबीक सीसीटीवी मे कैद घटना से जुडे अन्य लोग आज भी बेखौफ़ होकर शहर मे घुमते नजर आए है। पुलिस रेकार्ड मे अपराधियो की पहचान अंजान तत्व के तौर पर की गयी है जो आश्चर्य की बात है। इसी बीच शहर मे उपद्रवियों द्वारा जानबुझकर अफवाहों का बाजार गर्माने के प्रयास लगातार जारी है जैसे 2002 के फसाद में जोरो पर थे। फरार सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने कि मांग शहर की अमनपसंद जनता कर रही है। विदीत हो कि कुछ सालों से किसी नेताजी के भरोसे शहर में युवाओं के बीच संगठित दबंगयी के एक ऐसे ट्रेंड कि बाढ सी आ गयी है जो अनावश्यक औचित्यो पर नगर मे लगाए जा रहे बैनरबाजी से साफ़ दिखायी पड़ रहा थी। शायद इसी दबंगयी ने उक्त घटना को अंजाम देकर अपनी सीमा लांघने का ऐसा घिनौना प्रयास किया है जिससे जामनेर के सदभाव को बिगाडने की हिमाकत कर कानून व्यवस्था तक को चुनौती दे दी है।
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