अशफाक कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT;
शेखावाटी सर्वसमाज संघर्ष समिति, सीकर के बैनर तले 20 सितंबर को आयोजित होने वाली उक्त धर्म सभा को पीठाधीश्वर श्रीमद् जगतगुरु महंत स्वामी अवधेशाचार्य जी महराज, साईधाम जयपुर के आचार्य संत गणेश महराज, समता आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारासर नारायण, परशुराम सेना जयपुर के अध्यक्ष एडवोकेट अनिल चतुर्वेदी, लाल सैना जयपुर की अध्यक्ष हेमलता शर्मा, जयराजपूताना संघ के अध्यक्ष भंवरसिंह ऐटा, व राष्ट्रीय कृणी सेना के प्रदेश संयोजक दौलतसिंह चिंचरोली प्रमुख वक्ताओं के तौर पर शिरकत कर रहे हैं, जबकि दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद करने के बाद संसोधन कानून के समर्थन मे अपने स्तर पर समर्थन जूटा रहे हैं।
भारत भर की तरह शेखावाटी जनपद में भी दलितों के साथ भेदभाव व ज्यादतियां होने का एक लम्बा इतिहास रहा है। आज भी अनेक दफा घोड़ी पर बैठकर दलित दुल्हे को बंदोरी निकालने से रोकने की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं, साथ ही मरे हुये पशुओं को उठाने, उनका चमड़ा निकलने सहित अनेक काम उन्हीं से करवाये जाने का चलन आज भी पाया जाता है। आज भी समाज में बराबरी का हक पाने के लिये दलित संघर्ष करते नजर आते हैं। उक्त 3-एससीएसटी कानून के बनने के बाद दलितों ने मामूली राहत की सांस लेना शुरू किया था। इसके विपरीत कुछ संगठनों का आरोप है कि उक्त कानून का नाजायज इस्तेमाल होता है।
कुल मिलाकर यह है कि एससी/एसटी संसोधन कानून के विरोध का सीकर धीरे धीरे राजस्थान का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। जबकि दलित संगठन भी इस विरोध के खिलाफ व कानून के समर्थन में नये सीरे से रणनीति बनाना जारी कर रखा है।