मोदी जी के जन्मदिवस व सेवा दिवस भूला छपारा भाजपा मंडल, झाड़ू लेकर फोटो सेशन कराने वालों ने स्वच्छ भारत अभियान को भी दिखाया ठेंगा | New India Times

पियूष मिश्रा/अश्वनी मिश्रा, छपारा/सिवनी (मप्र), NIT;

मोदी जी के जन्मदिवस व सेवा दिवस भूला छपारा भाजपा मंडल, झाड़ू लेकर फोटो सेशन कराने वालों ने स्वच्छ भारत अभियान को भी दिखाया ठेंगा | New India Times​देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 67वें जन्मदिवस पर 17 सितंबर को सभी भाजपा मंडलों के अध्यक्षों सहित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सेवा दिवस के रूप में मनाने के निर्देश जारी किए थे लेकिन छपारा भाजपा मंडल अध्यक्ष सहित पदाधिकारी भी मोदी के जन्मदिवस को मनाना तो भूले ही भूले साथ ही कोई भी सेवा दिवस के रूप में आयोजन भी नहीं कराया गया।

 स्वच्छ भारत अभियान भी भूले भाजपाई 

उल्लेखनीय है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस 17 सितंबर को सेवा दिवस मनाने के दिशा निर्देश सभी भाजपा के जिला अध्यक्ष सहित मंडल अध्यक्षों को जारी किए थे। इसके अलावा अमित शाह ने मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान के तहत भी व्यापक तौर पर आयोजन कराने और सार्वजनिक जगहों पर साफ सफाई के भी निर्देश जारी किए थे। लेकिन झाड़ू लेकर फोटो सेशन कराने वाले और सोशल मीडिया सहित समाचार पत्रों की सुर्ख़ियों में बने रहने वाले छपारा भाजपा मंडल के अध्यक्ष ठाकुर धर्मेंद्र सिंह ने 17 सितंबर को भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस और सेवा दिवस सहित स्वच्छ भारत अभियान मनाने की सूचना देना भी मुनासिब नहीं समझा जिसके चलते छपारा नगर सहित छपारा भाजपा मंडल के ग्रामों में किसी भी तरह का कोई आयोजन नहीं हो पाया। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस को सेवा दिवस के रूप में के रूप में मनाने तथा स्वच्छ भारत अभियान के तहत किस तरह का आयोजन करना है यह सूचना भी भाजपा मंडल अध्यक्ष के द्वारा नहीं दी गई थी।

मंडल अध्यक्ष बनने के बाद दो फाड़ हुई भाजपा 

छपारा भाजपा मंडल की कमान कुछ माह पहले ही ठाकुर धर्मेंद्र सिंह के हाथों में सौंपी गई थी लेकिन जब से वह भाजपा मंडल अध्यक्ष बने हैं तब से ही छपारा भाजपा मंडल दो फाड़ हो गई है। विभिन्न कार्यक्रमों में इसके उदाहरण भी देखने को मिल रहे हैं जहां एक खेमा अगर कार्यक्रम में उपस्थित होता है तो दूसरा खेमा उक्त कार्यक्रम से गायब ही दिखता है। जबकि कुछ माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और छपारा जैसे महत्वपूर्ण भाजपा मंडल में इस तरह की खेमेबाजी देखने को मिल रही है जिसका सीधा खामियाजा भाजपा को निश्चित रूप से भुगतना पड़ेगा।


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