भीरा वन रेंज में खुलेआम हो रही है हरे भरे आम के पेड़ों की कटाई, वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप | New India Times

वी.के.त्रिवेदी, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT; 

भीरा वन रेंज में खुलेआम हो रही है हरे भरे आम के पेड़ों की कटाई, वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप | New India Times​उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी के भीरा वनरेंज में वन कटान थमा नहीं है बल्कि  बागों का सफाया बड़े पैमाने पर जारी है जिससे सरकार की मंशा पानी फिर रहा  है। आरोप है कि कटान स्थल पर से वनकर्मी स्वयं खड़े होकर प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों/ आम की मुद्धियाँ/ जड़ें खुदवा रहे हैं जिससे संख्या कम प्रदर्शित हो। यह सब लकडी माफियाओं को आर्थिक लाभ दिलाने की मंशा से वनकर्मी की संलिप्तता प्रतीत होती है।

अभी कुछ दिन पहले भीरा रेंज में सागौन के 4 विशालकाय पेड़ कटे थे, पर्याप्त कार्यवाही जिम्मेदारों पर अगर होती तो हरे भरे विशालकाय एक दर्जन से अधिक प्रतिबंधित आम के वृक्षों का खुलेआम कटान न होता।​भीरा वन रेंज में खुलेआम हो रही है हरे भरे आम के पेड़ों की कटाई, वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप | New India Times

भीरा रेंज में वन कर्मियों की मिलीभगत से हरियाली पर चल रहा जमकर आरा। जनपद में मुख्यमंत्री के आगमन का भय भी नहीं कैसे बचेगी हरियाली?

जब वृक्षों पर आरा चलाया जा रहा था, उसकी शिकायत जिला प्रभागीय वन अधिकारी उत्तर खीरी के आलावा 1076 पर अवगत कराया गया उसके बावजूद वृक्ष कटते रहे।

प्रातः काल हरियाली की सफाई की सूचना वनरक्षक को उसके फोन नंबर पर भी दी कटान करने वाले माफिया ठेकेदार के बारे में बताया जिस पर वनरक्षक ने फोन पर बताया कि मैं और रेंजर साहब मौके पर गए थे वहां पर कोई भी कटान नहीं हुआ इससे भी संलिप्तिता प्रतीत होती है।भीरा वन रेंज में खुलेआम हो रही है हरे भरे आम के पेड़ों की कटाई, वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप | New India Timesजब प्रार्थी ने अपने संगठन के कार्यकर्ताओं को भेजा तो वहां पर लगभग 11+1 विशालकाय पेड़ आम के कट चुके थे और और 5 वृक्ष जो कि अध कटे छोड़ कर लकड़ी माफिया को आनन फानन में वन कर्मियों ने ऊपर कार्यवाही होने की आशंका को लेकर भगा दिया और माल भी ट्रालो में भरवाकर हटवा दिया।

कार्यकर्ताओ ने फोटो व्हाट्सअप पर भेजे 5 अध कटे आम के वृक्ष एव लगभग 11 टोटल एक जामुन के अलावा पेड़ों की मुदढिया कुछ छुपाई गयी जिनके फोटो और शेष आम नीम, सागौन, जामुन के एक दर्जन पेड़ जिनमे 5 आम के अधकटे खड़े हैं एवं शेष खड़े जिनको रात में कटवाने की फिराक में था लेकिन संगठन के दवाब के चलते वृक्ष नहीं कटवा पाए जिनका स्थलीय निरिक्षण किया जा सकता है जिससे वन कर्मियों का भ्रष्टाचार स्वयं प्रदर्शित होता है।

 इसलिए आपसे अनुरोध है कि लगभग 10 आम के विशालकाय वृक्ष काटे गए और एक जामुन का वृक्ष काटा गया जिसकी शासन और जिले के डीएफओ नार्थ को उनके फ़ोन नंबर पर अवगत कराने के उपरांत भी मामले को दबाने का प्रयास किया गया अगर वन विभाग चाहता तो कटे हुए वृक्षों के प्रकाष्ठएवं मय वाहन के कब्जे में किया जा सकता था लेकिन ऐसा न कर लकड़ी ठेकेदार कोअसानी से मय वाहन के जाने दिया और प्रातः आला अधिकारियों के आने के भय से ठेकेदार को भगा दिया और अधकटे 5 आम के वृक्ष जिनमे आरा लगा हुआ छोड़ कर चले गए जबकि बाग़ में खड़े लगभग 25 सभी पेंड़ काट रहे थे यह घटना उत्तर खीरी वन प्रभाग के अंतर्गत भीरा वन रेंज की बीट पल्ह्नापुर के ग्राम रामालक्षना के निवासी परशुराम भार्गव की बाग़ का है और स्थानीय वन विभाग द्वारा मुद्धियाँ खुदवा दी गयी जिससे कटान को कम दर्शया जा सके और जब कोई जांच शासन से आएगी तो ग्राम पंचायत जन प्रतिनिधि से किसान द्वारा प्रमाण पत्र लेकर कम वृक्ष ही दर्शा दिए जायेंगे जिससे विभागी जुरमाना कम हो और विभाग पाक साफ़ प्रदर्शित हो इसलिए आपसे अनुरोध है की उच्च स्तर से जांच कराकर और उसमे दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कराने का कष्ट करें इससे पूर्व भी कई बागों का सफाया हो चूका है अगर यही हाल रहा तो तराई से हरियाली काफूर हो जाएगी और सरकार के हरियाली डेवलपमेंट का अभियान टांय टांय फिस्स हो जायेगा इसलिए सरकार को इस ओर ध्यान देकर कड़ाई से कार्यवाही करनी होगी। 

यह जानकारी सूत्रों के हवाले से प्राप्त हुई है।


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