शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT; विजयराघवढ़ भाजपा जिस विकास की बात कर रही है उन योजनाओं में हितग्राहियों को लाभ तो मिला किन्तु सब कुछ गँवा कर। स्वच्छता अभियान की बात हो या मुख्यमंत्री आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना सभी योजनाओं में अधिकारियों ने गरीबों को जी भर नोचा। योजना का लाभ देने का लालच देकर हर हितग्राही से अच्छी खासी कमीशन राशि वसूली गयी। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने बाले सौचालय में प्रति हितग्राहियों से दो से तीन हजार की राशि। वही आवास योजना में बैंक मैनेजर से लेकर नगरी व शहरी क्षेत्र के जन प्रतिनिधि व अधिकारियों ने भी 25% की राशि हर हितग्राहियों से बतौर कमिशन ली। हितग्राहियों को योजना का लाभ तो मिला किन्तु गरीब हितग्राही कर्ज में दब गया। निर्माण कार्य की राशि जब अधिकारियों जन प्रतिनिधियों ने हजम की तो हितग्राहियों के पास 70% राशि को लेकर निर्माण कार्य करना असंभव हुआ जिसकी वजह से आवास योजना तथा सौचालय निर्माण में हितग्राहियों ने कर्ज लेकर निर्माण कार्य करा रहे हैं। जिला प्रशासन फोटो में वाह वाही ले रही है किन्तु योजना के पीछे चल रहे भ्रष्टाचार को रोक पाने मे नाकामयाब है। चर्चा में यह है की कमिशन की राशि छोटे जन प्रतिनिधि तथा छेटे कर्मचारियों के माध्यम से वसुली जाती है, जिसका हिस्सा एक से एक दिग्गज जन प्रतिनिधि व अधिकारियों तक पहुंचता है। यह राशि एकत्र होने के बाद बडा रुप धारण करती है। शासकीय योजनाओं के नाम पर गरीबों को नोचने का कार्य कटनी जिले व आस पास के क्षेत्रों मे फलफूल रहा है। भाजपा इस भ्रष्टाचार पर चर्चा करने के बजाय इस को विकास का नाम दे रही है और केन्द्र की योजना पर खुद की पिठ थपथपा रहे हैं स्थानीय जन प्रतिनिधि जबकि हकीकत यह देखी गई है कि स्थानीय जन प्रतिनिधि के बलबूते कोई विकास कार्य नही हुए हैं। केन्द्र की योजनाओं पर भी कमीशन खोरी के आरोप इन जन प्रतिनिधियों पर लग रही है। इस भ्रष्टाचार के पश्चात भी भाजपा के सफेद पोश नेता अपने आप को समाज सेवक कहते नही थकते और 20018 में होने वाले चुनाव के लिए खुद की विजय का डंका पीट रहे हैं। चर्चा है कि रेत कारोबार में की गयी अवैध कमाई चुनाव में फेंकी जाएगी क्योंकि रेत कारोबार मे कई खरब रुपये कमाए जो मतदाओ को खरीद फरोख्त में उपयोग लिए जाएंगे। बताया जाता है कि भाजपा नोटबंदी महंगाई की सीमा लांघ चुकी है जिसकी किमत सत्ता परिवर्तन से चुकानी पड सकती है। मध्य प्रदेश में चुनावी हल्चच देखी जा रही है जिसमें भाजपा की छवि धूमिल नजर आ रही है वही कांग्रेस जो की टूटी बिखरी हुई दिख रही थी इन दिनों अपने पैर जमा रही है। सत्ता परिवर्तन की लहर में सबसे पहले हिस्सा लेने वाले भाजपा के ही जन प्रतिनिधि देखे जा रहे हैं। भाजपा को कमजोर करने के इरादों से भाजपा की रीढ की हड्डी साबित होने वाले जन प्रतिनिधि कांग्रेस की कमान संभाल रहे हैं। इसी दल परिवर्तन में भाजपा कमजोर और कांग्रेस मजबूत होती दिखाई दे रही है जिसका श्रेय भाजपा के ही नेताओं को जाना है जिन्होंने अपने ही दल के नेताओं की उपेक्षा कर अन्य दलों में जाने में मजबूर कर रहे हैं। हालत गम्भीर होने के पश्चात भाजपा झुठी दिलासा खुद को दे रही है। भ्रष्टाचार की हर हद पार कर गरीबों किसानों को तबाह बर्बाद करने के बाद अब उनके जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश में जुटी है किन्तु पांच वर्षों के जख्मों पर दवा का असर नजर नहीं आ रहा है। जनता का विश्वास तोडने वाली भाजपा विरोध व परिवर्तन की तस्वीर दे रही है। यही वजह है की बौखलाहट में भाजपा अपने पद और सत्ता का दुरुपयोग कर भाजपा तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित कर केन्द्र की योजनाओं का हवाला दे अपने आप को सती सावित्री बता रही है। शासकीय खर्चो पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। जनता का पैसा आयोजनों में लग रहा है और विकास हुआ नही कार्यक्रम के माध्यम से विकास बताया जा रहा है। जब कार्य करने का समय था विकास करने के दिनों में नेता अपने अपने क्षेत्रों से गायब थे अंर बडे नेताओं की पीछे खडे हो अन्य जिलों में अपने जलवों को बिखेरते रहे जिस कारण यहां जनता का विश्वास बिखर गया। उस समय किसी जन प्रतिनिधि को जनता की कोई परवाह नहीं रही और अब चुनाव के नजदीक आते ही सभी के होश गुल होते नजर आ रहे हैं और सत्ता परिवर्तन की लहर से जुझने का प्रयास जारी है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.