लापरवाह परिवहन अधिकारी: वाहनों पर करोडों रूपये बकाया फिर भी सडक पर फर्राटा भर रहे हैं वाहन, अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप | New India Times

ओवैस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT;  ​लापरवाह परिवहन अधिकारी: वाहनों पर करोडों रूपये बकाया फिर भी सडक पर फर्राटा भर रहे हैं वाहन, अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप | New India Timesमोदी सरकार भले ही सभी विभाग को डिजिटल कर पारदर्शिता लाने का प्रयास किये है इसके बाबजूद भी कुछ जिम्मेदार अधिकारी जान कर अनजान बने हुए हैं। इसी प्रकार अकोला आरटीओ विभाग में करोड़ों का खेल अधिकारियों की मिली भगत से रोड पर चलने वाले बसों में चल रहा है। आरटीओ अधिकारी रोड पर चलने वाले बसों के टैक्स एवं परमिट फिटनेस की जांच ही नहीं करते तथा करवाई की भी गई तो खाना पूर्ती ही की जाती है। महिने में लाखों रुपए कमाने की वजह से इन पर अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान ना देकर मेहरबान होने की चर्चाएं हैं। कई चालक तो फ्लाइंग ऑफिसर शिंदे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं कि “जिसने दिया उसे छोड़ दिया जिसने नहीं दिया उसपर करवाई”। इस संदर्भ में परिवाहन विभाग के फ्लाइंग अफसर शिंदे से संवाददाता द्वारा प्रतिक्रिया मांगने पर वे अपनी हुक़ूमशाही झाड़ने लगे तथा प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।

आशचर्य की बात तो यह है कि आरटीओ विभाग के अधिकारी पता होने के बावजूद भी बसों पर कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। क्या इन बसों के माध्यम से इनको लाखों रुपए कमाई हो रही है?

कई गाड़ियां चल रही है बिना टैक्स जमा किए रोड पर…..

अकोला से बाहरी क्षेत्रों के लिए चलने वाली कई बसें  हैं जिनका कई लाख रूपय टैक्स जमा नहीं है। सूत्र बताते हैं कि 4 सालों से कई गाड़ियों का परमिट फिटनेस नहीं है। आरटीओ विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने से कतराते हैं क्योंकि बस मालिकों के द्वारा आरटीओ को  करोड़ों रुपए पहुंचाने की चर्चाएं नागरिको में है। कहा जा रहा है कि आरटीओ का सारा कारोबार दलालों के ऊपर चल रहा है। आधे कागज रिकार्ड दलालों के पास होता है जिससे बस मालिकों पर मेहरबान होकर हजारों लोगों की जान खतरे में चल रही है बल्कि सरकार की करोड़ों रुपए की चोरी भी बस मालिकों एवं आरटीओ विभाग के द्वारा किया जा रहा है।

दलालों के सहारे चलता है आरटीओ विभाग…..

आरटीओ विभाग में जाने के बाद ही पता चलता है कि क्या आरटीओ विभाग में अधिकारी हैं या पूरे अवैध दलाल। दलालों के बगैर जो व्यक्ति स्वयं काम कराना चाहता है वह भी दलालों के जाल में फंसकर अपना पैसा लगाने को मजबूर हो जाता है। आखिर क्यों आरटीओ विभाग दे रहा है दलालों को संरक्षण?

आखिर क्यों नहीं हो रही है कार्यवाही…..

बिना परमिट फिटनेस टैक्स जमा किए जो रोड पर गाड़ियां चल रही हैं उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है,  कहीं आरटीओ का संरक्षण तो नहीं क्योंकि इसकी सूचना मुख्य तौर पर आरटीओ विभाग में दे दी गई है लेकिन अब तक करवाई करने में कतरा रहे हैं एवं  संरक्षण बस मालिकों को दे रहे हैं।

दलालों से भरा है आरटीओ विभाग…..

आरटीओ के संरक्षण में विभाग में पल रहे अवैध दलाल एवं लाखों करोड़ों की वसूली कर रहे हैं गाड़ी मालिकों को चुस रहे हैं लेकिन जो गाड़ियां परमिट के लायक नहीं उन्हें भी परमिट और फिटनेस देकर रोड पर चलाने को दलाल चलावा देते हैं और मोटी रकम वसूलने में काफी जानकारी दलाल रखते हैं।


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