ओवेस सिद्दीकी, अकोला/मुंबई, NIT;
नगर निगम अकोला के आरोग्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कचरे का निस्तारण कर दोबारा इस्तेमाल की प्रक्रिया पर काम जल्द ही आरंभ होगा, इसी के चलते नगर निगम ने शहर से करीब 15 किमी दूरी पर ग्राम भोड में ई-क्लास की 7.5 हेक्टर जमीन पर निस्तारण प्रक्रिया प्लांट होंगा जहां कचरे से निकलने वाली वस्तुएं का दोबारा उपयोग संभव है। इस पर विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा(गार्बेज टू ग्रनुअल कन्वर्ट) कर दोबारा इस्तेमाल किया जायेगा तथा जिस कचरे पर प्रोसेस असंभव होंगा उसे लैंड फिल साईट में डाल दिया जयेगा। कुल मिलाकर यह होगा कि नायगांव परिसर से कचरा पूर्ण रूप से उठाकर प्रोसेस हेतु भोड भेजा जायेगा तथा नायगांव के जिस परिसर में अभी कचरा है वहां नागरिकों के लिए बाल उद्यान बनाए जाने की संभावना है। अब देखा यह है कि कहीं यह भी तो आश्वासन का चॉकलेट नहीं है। कचरे के निस्तारण का ठेका पद्धत से श्री श्री रविशंकर ग्रुप को दिया गया है जो पूर्ण रूप से खर्च कर इससे आने वाली आय ग्रुप की होगी जिसमें नगर निगम का कोई हिस्सा नहीं होगा। प्लांटेशन एवं अन्य सुविधाओं हेतु नगर निगम द्वारा ई-निविदा मंगाई जायेगी। नगर निगम द्वारा लिए गए इस फैसले को जिलाधिकारी के भी अनुमति देने की जानकारी है। नगर निगम द्वार उठाए गए इस कदम की वजह से नायगांव वासियों को कचरे से मुक्ती मिलने की संभावना है। देखना यह है कि यह मूर्ति रूप लेती है या फिर अन्य योजनाओं की तराह यह भी एक सुंदर सपना बन कर रह जाती है।
- इन मेट्रो शहरों की भी हालत है खराब
दिल्ली
करीब 11 हज़ार मैट्रिक टन कचरा रोजाना निकलता है, 3000 मैट्रिक टन कूड़े का प्रोसेस किया जाता है बाकी लैंड फिल साइट में भेजा जाता है।
चेन्नई
रोजाना करीब 5600 मैट्रिक टन, 4500 टन कूड़ा लैंडफिल साईट में भेजा जाता है। कोएम्बतूर में सब्जी से बिजली बनाने का भी प्लांट है।
मुम्बई
रोजाना 9000 मैट्रिक टन कूड़ा निकलता है, 2000 मैट्रिक टन का ही हो पाता है निस्तारण, बाकी लैंडफिल साइट में भेजा जाता है।
कोलकाता
रोजाना निकलता है 9000 मैट्रिक टन कचरा, 4000 मैट्रिक टन कूड़ा लैंडफिल साइट में भेजा जाता है प्रतिदिन।
विद्यार्थियों के लिए उपलब्धि
नगर निगम के इस कदम से प्रदूषण मुक्त अकोला संभव है। परिसर का वातावरण स्वस्थ बन जाएगा ,बेरोजगारी कम हो सकती है, कई युवाओं को रोजगार मिलेगा, स्वच्छ और साफ अकोला संभव है। इंजीनियरिंग छात्र रिसाइक्लिंग प्रक्रिया सीख सकते हैं। इसी माध्यम से छात्र प्रशिक्षण ले सकते हैंl मैकेनिकल और केमिकल इंजीनियरिंग छात्र इस परियोजना से सीख सकते हैं। यह अकोला के लिए अच्छी खबर है एवं नगर निगम प्रशासन बधाई का पात्र है: प्रा.राहुल इंगले
बाल उद्यान बनाया जाए
अकोला नगर निगम के अधिकारियों वएवं पदाधिकारियों ने नायगांव स्थित डंपिंग ग्राउंड हटाने का जो फैसला लिया है यह ऐतेहासिक कदम है। इस कदम को सुनहरे शब्दों में लिखा जायेगा। इस जगह पर आरोग्य केंद्र ,बगीचे, प्ले ग्राउंड और गरीबों के लिए प्रधान मंत्री आवास योजना बनाई जाए। डंपिंग ग्राउंड हटने से सब से ज्यादा फ़ायदा परिसर के नागरिकों के साथ साथ अकोट फाइल के नागरिकों को भी होगा जो विगत कइ सालों से दूषित हवा में सांस ले रहे हैं एवं विभिन्न बीमारियों लिप्त नजर आ रहे हैं: अ.राजीक खान सिविल इंजीनियर अकबर प्लांट।
प्रशासन का कदम सराहनीय
विगत कई वर्षों से मैंने एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नायगाव स्थित डंपिंग ग्राउंड को हटाने के लिए कई बार नगर निगम आयुक्त जिलाधिकारी को यहां के लोगों को होने वाली तकलीफ और परेशानियों से अवगत कराया था और कई बार जनता को साथ में लेकर जनआंदोलन धरने प्रदर्शन भी किए और आखिरकार हम सभी की कोशिश पूरी हुई और अब नायगाव वासियों के साथ-साथ अकोट फाइल की तमाम लोगों की परेशानी स्थाई रुप से दूर हो रही है जो बड़े ही खुशी की बात है। परिसर के सौन्दरीकरण कर पेड़ पौधे लगाए जाएं जिससे वहां का वातावरण भी शुद्ध हो और वहां के लोगों को स्वस्थ हवा मिल सके: सैय्यद नासीर, सामाजिक कार्यकर्ता।
पर्यवरण होगा सुरक्षित
1) रिसायकलिंग साधारण शब्दों मे कहें तो ऐसी चीजों को उपयोग में लाने लायक बनाना जिसे उपयोग किया जा चुका है। रिसाइक्लिंग प्रोसेस पर्यावरण को सुरक्षित रखने में हमारी मदद करती है। रिसायकलिंग की वजह से हवा पानी कम प्रदूषित होता है जिससे कि हमें कम ऊर्जा की जरूरत पड़ती है1 एक टन प्लास्टिक या कागज़ को रिसीयकलिंग करने से 2600 लीटर तेल या 27000 लीटर की बचत होती है।
2) एक सिंगल बोतल को रिसायकलिंग करने से इतनी ऊर्जा बचती है जिससे एक 60वॉट के बल्ब को 6 घंटे तक चलाया जा सकता है।
नगर निगम का यह बहुत ही उचित कदम है। अन्य मेट्रो सिटी जैसे अकोला में भी कचरे का निस्तारण होना खुशी की बात है। इस प्लांट की वजह से शहर में नए रोजगार निर्माण होने की संभावना है। विद्यर्थियों के साथ साथ प्रशिक्षणार्थी को भी लाभ होगा: डॉ जावेद मोहम्मद खान
श्री-श्री रविशंकर ग्रुप भी बधाई का पात्र
डंपिंग ग्राउंड को नायगांव परिसर से हटाने हेतु मैन गए साल ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निवेदन दिया था।तथा उन्हें अवगत कराया था कि परिसर के करीब 1लाख 25 हजार नागरिक परेशान है एवं विभिन्न बीमारियों में लिप्त हो रहे है कई नागरिको की तो मौत तक हुई है मेरे साथ साथ कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे हटाने के संदर्भ में आंदोलन किए इन्ही के साथ मेरे प्रयासों को सफलता मिली एवं आने वाले कुछ समय मे परिसर से डंपिंग हट जयेगा इस कि काफी खुशी है।नगर निगम के साथ साथ रविशंकर ग्रुप भी बधाई का पात्र है जिन्होंने नगर निगम को प्रोत्साहित किया।
इस रिसायकल की वजह से बिजली निर्मिति प्लांट भी निर्माण किया जासकता है। प्लांट निर्माण की वजह से महिलाओं एवं युवाओ को रोजगार मिलेगा साथ ही औद्योगिक आय बढ़ेगी: पार्षद पराग कांबळे।