लखीमपुर खीरी जिला के कुछ थानों में जरूरत से आधे ही हैं सिपाही, डीजीपी ने दिए थे हर कोतवाली में चार इंस्पेक्टर तैनात करने के निर्देश | New India Times

वी.के.त्रिवेदी, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT; ​लखीमपुर खीरी जिला के कुछ थानों में जरूरत से आधे ही हैं सिपाही, डीजीपी ने दिए थे हर कोतवाली में चार इंस्पेक्टर तैनात करने के निर्देश | New India Timesउत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी में बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए डीजीपी ने हर कोतवाली में चार इंस्पेक्टरों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन जिले में इंस्पेक्टर तो छोड़िए थानों और कोतवाली में उप निरीक्षकों और सिपाहियों की ही भारी कमी है। हालात यह हैं कि जिले के कुछ थाने तो ऐसे हैं जहाँ आधे से कम सिपाही तैनात हैं। दरोगाओं और सिपाहियों की भारी कमी अपराधों पर अंकुश लगाने में काफी हद तक आड़े आ रही है। जिले में सदर, तिकुनियां, गोला गोकर्णनाथ, मोहम्मदी, पसगवां, चंदनचौकी, निघासन, फूलबेहड़, गौरीफंटा कोतवाली और महिला थाना को मिला कर 23 थाना, 5 पुलिस रिपोर्टिंग चौकी सहित करीब 20 पुलिस चौकियां हैं। कोतवाली और थानों में काफी समय से दरोगाओं और सिपाहियों की कमी चली आ रही है। गोला गोकर्णनाथ सहित कई थाने और कोतवाली ऐसी हैं जहाँ नियत पद से आधे से अधिक सिपाही तैनात हैं।इनमें से कुछ अवकाश पर तो एक सिपाही डाक और एक सिपाही अदालत की पैरोकारी में लगता रहता है और यहीं हाल दरोगाओं का है। सिपाहियों को थाने की धुरी माना जाता है। हल्का में आने जाने के कारण उन्हें हर व्यक्ति की गतिविधियों की पूर्ण जानकारी रहती है।लेकिन दरोगाओं और सिपाहियों की कमी बढ़ रही आपराधिक घटनाओं का कारण बनती जा रही है।कोतवाली गोला गोकर्णनाथ में 18 दरोगा 90 सिपाही के पद हैं लेकिन यहां सिर्फ 11 दरोगा और 45 सिपाही ही तैनात हैं। सदर कोतवाली में दरोगा तो पदों के सापेक्ष तैनात है, लेकिन 120 की जगह 90 सिपाही ही तैनात हैं। धौरहरा में भी 56 में से 35 सिपाही ही हैं। थाना निघासन में 7 दरोगाओं के सापेक्ष 4 दरोगा, 35 सिपाही के सापेक्ष 25 सिपाही तैनात हैं। यही हाल लगभग जिले के सभी थानों और चौकियों का है।

सिपाहियों की कमी से प्रभावित होती है गश्त

थानों और चौकियों पर सिपाहियों और दरोगाओं की कमी से क्षेत्र में अपराधों पर अंकुश लगा पाना पुलिस के लिए काफी मुश्किल भरा है। थानों के सिपाहियों की मानें तो उन्हें 18 से 20 घंटे ड्यूटी करनी पड़ जाती है इससे हल्के के सभी गांव में मूवमेंट नहीं हो पाता है। पिकेट पर तैनाती को लेकर भी काफी दिक्कत होती है।

एक नजर इन घटनाओं पर……

  • पहली जून 

थाना फरधान क्षेत्र में बाइक गिराकर शहर की गढ़ी रोड निवासी के.के.अवस्थी की पत्नी सुमन अवस्थी से बदमाशों ने गहने लूटे।

  • दो जून

मोहम्मदी में बदमाशों ने बैंक का स्ट्रांग रूम काटे जाने का मामला।

शहर में मोहल्ला ईदगाह निवासी अभिषेक तिवारी की स्कूटी और नगदी लूटकर भागे बदमाश,अब तक नहीं पकड़े गए।

थाना मैलानी के गांव भरिगवां में चोरों ने घर से की डेढ़ लाख की चोरी।

थाना ईसानगर के गांव रेहरिया निवासी अनीता की गोली मारकर हत्या।

  • तीन जून

निघासन में सेमरा बाजार के प्रधान मोबीन के भाई मुन्ना हुसैन की गोलियां मारकर हत्या।

  • चार जून

भीरा में ग्रामीण की गोली मारने के बाद बांके से काटकर हत्या।

गोला में हत्या कर रवि प्रकाश वर्मा का शव फेका खुलासा नहीं।

  • नौ जून

निघासन क्षेत्र में सात साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या।

हैदराबाद के गांव सरकार गढ़ में युवती की चाकू से गोदकर हत्या।

मोहम्मदी कोतवाली क्षेत्र के गांव गोकन में किशोरी की गोली मारकर हत्या।

  • दस जून

ईसानगर थाना क्षेत्र के गांव सड़ौरी में घर में घुसकर लूटपाट मामले का भी खुलासा नहीं।

पन्द्रह जून की रात बस्ती हाईवे पर होमगार्ड सहित कई राहगीरों को लूटे जाने का मामला।

पखवाड़े भर में किशोरियों सहित सात लोगों की हुई मौत।

तीन महीने में जिले में 15 हत्या,14 लूटपाट और 32 से अधिक चोरी की घटनाएं हुई।इनमें से कई लूट और चोरी की घटनाओं को पुलिस ने दर्ज ही नहीं किया है।हत्या की वारदातों पर नजर डालें तो पहली जून से लेकर चौदह जून तक हत्याओं ने पिछले लगभग चार साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया।पखवाड़े भर में जिले में सात हत्याएँ हुई,इनमें रेप के बाद मासूम बच्ची,एक युवती, एक किशोरी और एक महिला की भी हत्या शामिल है।इसके अलावा छः डकैती, लूटपाट और बारह से अधिक की चोरी की घटनाएं हुई है।इन घटनाओं से साफ जाहिर है कि जिले में अपराधी बेखौफ है।उनमें कानून का कोई डर नहीं है।जिले की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त नजर आ रही है।

एसपी रामलाल वर्मा जी इस विषय में क्या कहते हैं:-

जिले में इंस्पेक्टर पर्याप्त हैं,सूची बनाई जा रही है।अगले दो तीन के बाद जिले की कम से कम तीन सर्किल क्षेत्र की कोतवाली में चार चार इंस्पेक्टर तैनात कर दिए जाएंगे।जिले के थानों में उपनिरीक्षक और सिपाहियों की कमी को दूर करने का विभाग स्तर पर प्रयास जारी है।लगातार पुलिस भर्ती परीक्षाएं हो रही हैं। भविष्य में स्टाप की कमी नहीं रहेगी।


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By nit

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