Edited by Abdul Wahid Kakar, मुंबई, NIT;
समाजवादी पार्टी के मुंबई /महाराष्ट्र अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र को पत्र लिखकर देश में मुस्लिम समाज पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की है। आजमी ने अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की उस रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि भारत में मुस्लिम समुदाय के लोग सुरक्षित नहीं हैं। आजमी ने पत्र में बताया है कि अमेरिकी सरकार द्वारा जारी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट, 2017 में दावा किया गया है कि भारत में गो-मांस के कथित तस्करों, उपयोग कर्ताओं और व्यापारियों पर हमलों में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी के बावजूद भारत सरकार द्वारा हमला करने वाले गो रक्षक समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग हर साल रिपोर्ट तैयार करता है। मंगलवार को अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने 2017 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट जारी करते हुए अपने भाषण में पॉम्पियो ने कहा कि, “आजादी और धार्मिक स्वतंत्रता को आगे बढ़ाना अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाता है। जहां एक तरफ धर्म, अभिव्यक्ति की आजादी, प्रेस और शांति पूर्ण किसी जगह पर एकत्र होने के मौलिक अधिकार पर हमले हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हम विरोध, अस्थिरता और आतंकवाद को भी देख रहे हैं। पॉम्पियो ने आगे कहा कि वे सरकारें और समाज जो इन स्वतंत्रताओं की रक्षा करती हैं अधिक सुरक्षित, स्थिर और शांतिपूर्ण हैं। विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि वह 25 और 26 जुलाई को धार्मिक स्वतंत्रता पर एक सम्मेलन में दुनिया भर के नेताओं की मेजबानी करेंगे।
आजमी ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ३० मई को हरियाणा में नमाज अदा कर रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हमला किया गया और नमाज में बाधा पहुंचाई गई। उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद राज्य में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोगों को सिर्फ और सिर्फ मस्जिदों में नमाज पढ़ना चाहिए। इसी तरह विश्व हिन्दू परिषद की नेता साध्वी प्राची और गौरव कुमार झा का विवादित विडिओ आया है जिसमें भारत को मुस्लिम मुक्त किये जाने का दावा किया गया है। आजमी ने राष्ट्रपति से अपील की है कि उक्त रिपोर्ट की पृष्भूमि में हस्तक्षेप करें और देश के सांप्रदायिक ढांचे को ध्वस्त होने से बचायें। आजमी ने पत्र में कहा है देश का संविधान धार्मिक आजादी देता है। इसकी हर हाल में रक्षा होनी चाहिए। यह देश महात्मा गाँधी और मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के सपनों का देश है। इसे बनाये रखने के लिए पूरा देश आपकी (राष्ट्रपति ) तरफ देख रहा है। ऐसे में आजमी ने राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अपील की है कि देश की धर्मनिरपेक्षता को बनाये और बचाये रखने के लिए हस्तक्षेप करें।
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