मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस के प्रयासों से मप्र में भूजल संरक्षण के लिए चयनित दो स्थानों में बुरहानपुर जिले का संग्रामपुर ग्राम भी शामिल | New India Times

मेहलका अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT; ​मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस के प्रयासों से मप्र में भूजल संरक्षण के लिए चयनित दो स्थानों में बुरहानपुर जिले का संग्रामपुर ग्राम भी शामिल | New India Timesजलवायु परिवर्तन की वजह से बुरहानपुर व आसपास के क्षेत्रों में भूजल की स्थिति काफी खराब हो रही है। अध्ययन में पता चला है कि आने वाले समय में स्थिति और चिंताजनक हो सकती है। अतः जलवायु परिवर्तन व भूजल स्तर के प्रति बढ़ती चिंता को लेकर काम करना अतिआवश्यक है। पानी बना नहीं सकते केवल बचा सकते है। 

बुरहानपुर के ग्राम संग्रामपुर में भूजल संरक्षण का पायलेट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया जा रहा है। यूएनडीपी अंतर्गत मध्यप्रदेश के 2 चयनित गांवों में से एक संग्रामपुर गांव का चयन किया गया है। विगत 25 वर्षों के भूजल स्तर का अध्ययन यह बताता है कि पहले भूजल 300 फिट पर प्राप्त हो जाता था। परंतु इस दशक में भूजल 600 से 700 फिट गहराई पर पहुंच गया है। वर्षा का अध्ययन करने पर पता चला है कि 1990 के दशक में 971 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, वहीं इस दशक में 2011 से 2017 तक यह वर्षा का स्तर 679 मिलीमीटर पर आ गया है। मानसून में वर्षा के दिन कम हो गए, जो पहले करीब 60 दिनों तक वर्षा होती थी अब वह 35 से 40 दिनों तक ही सीमित रह गई है।

 यह बात प्रदेश में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने ग्राम संग्रामपुर में खेतकुंड बनाओं-खेतकुंड बचाओं जल जागरण अभियान की शुरूआत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिले के संग्रामपुर ग्राम पंचायत में ‘‘जलवायु परिवर्तन व सामुदायिक भूजल संरक्षण‘‘ पर परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) व यू.एन.डी.पी. इंडिया द्वारा निर्मित की गई परियोजना में ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन लगाया जाएगा व भूजल स्तर बढ़ाने के लिए रिचार्ज वेल, इंजेक्शन वेल इत्यादि बनाए जाएंगे। यह एक साल की पायलट परियोजना होगी जिसके सफल होने पर परियोजना को वृहद स्तर की बनाई जाएगी। परियोजना का क्रियान्वयन अगले एक माह में शुरू किया जाएगा। क्रियान्वयन के प्रथम चरण में एक रिसोर्स संस्था के माध्यम से एक से डेढ़ वर्ष में जलवायु परिवर्तन व भूजल स्तर पर कार्य किया जाएगा। संस्था द्वारा किसानों-ग्रामीणों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें मुख्यः खेती से जुड़ी हुई नई तकनीकों का प्रयोग बताया जाएगा। जिससे भूजल की कमी में भी उचित उत्पादन व आमदनी को बचाने संबंधी जानकारी दी जाएगी।

 इस अवसर पर ग्राम संग्रामपुर में मंत्री श्रीमती चिटनिस की उपस्थिति में आयोजित जल जागरण अभियान के दौरान एप्को व यू.एन.डी.पी. के अधिकारियों ने किसानों के मध्य परियोजना पर प्रस्तुतिकरण किया। ग्राम संग्रामपुर में खेतकुंड बनाओं-खेतकुंड बचाओं जल जागरण अभियान के शुभारंभ अवसर पर मंत्री श्रीमती चिटनिस के मुख्य अतिथि में जागरूकता रैली निकाली गई। इस अवसर पर 50 से अधिक किसानों ने खुद के खर्च पर खेतकुंड बनाकर पानी बचाने का संकल्प लिया।

 श्रीमती चिटनिस ने कहा कि क्षेत्र की सहायक नदियों में रिचार्ज शाफ्ट के माध्यम से जल पुर्नभरण करके क्षेत्र के जलस्तर को बढ़ाने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा करीब 80 लाख रूपए के प्रस्ताव की कार्ययोजना तैयार कराकर शासन को भेजी गई है।

 यू.एन.डी.पी.के मोहन रेड्डी ने बताया कि परियोजना के माध्यम से भूजल स्तर की समस्या से निदान पाया जा सकता है। मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) की पहल पर यूनाईटेड नेशन डेव्लपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) द्वारा निर्मित की गई परियोजना में ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन लगाया जाएगा व भूजल स्तर बढ़ाने के लिए रिचार्ज वेल, इंजेक्शन वेल इत्यादि बनाए जाएंगे। यह एक साल की पायलट परियोजना होगी जिसके सफल होने पर परियोजना को वृहद स्तर की बनाई जाएगी। प्रस्तुति के पूर्व एप्को के प्रतीक बारापात्रे ने भी परियोजना की विस्तृत जानकारी उपस्थितजनों को दी।

 श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि गांवों में अधिक से अधिक खेतकूंड बनाकर पानी को सहजने का कार्य करें। गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में रहे। इसके लिए किसानों को अपने-अपने खेतों में खेतकुंड बनाने के लिए प्रेरित करना होगा। सभी किसानों ने भी आगे आकर अपने-अपने खेतों में ढलान वाले हिस्सें में खेतकुंड बनाना चाहिए। जिससे कि भूमि का जलस्तर तो बढे़गा ही और आसपास के कुएं और ट्यूबवेल भी रिचार्ज होगें। यह कार्य बरसात के पूर्व कर लिया जाए। बरसात के दिनों में गांव का पानी अनावश्यक रूप से बहकर चला जाता हैं। इसकी सभी को चिंता करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी को बनाया नहीं जा सकता, लेकिन पानी को बचाया तो जा सकता हैं। इसलिए सभी जनप्रतिनिधियों और जनसमुदाय को पानी बचाने हेतु हर संभव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने पानी बचाने हेतु स्लोगन दौहराते हुए कहा कि पानी करेंगे खर्च कम, लेकिन कमाएंगे भरपूर।

श्रीमती चिटनिस ने कहा कि पानी को सहजना बहुत जरूरी हैं। कई-कई स्थानों पर तो पानी की समस्याएं अभी से आने लगी हैं। उन्होंने पीएचई विभाग को निर्देश दिए कि जिन ग्रामों में पानी की समस्या आ रही हैं वहां निराकरण करें।

मंत्री श्रीमती चिटनिस ने ग्रामीणों की सुनी समस्याएं

 ग्राम संग्रामपुर में मंत्री श्रीमती चिटनिस ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और मौके पर उपस्थित संबंधित अधिकारियों को त्वरित निराकरण हेतु निर्देशित किया। इस दौरान ग्रामीणों ने पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, राशन कार्ड, आवास योजना, कर्मकार मंडल आदि समस्याएं बताई। मंत्री श्रीमती चिटनिस ने निर्देश दिए कि बुजुर्गां को भी मध्यान्ह भोजन में ले जाकर भोजन कराया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर शिविरों का आयोजन करें और इसमें स्वास्थ्य परीक्षण कर जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाए।

 इस अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष किशोर पाटिल, जिला पंचायत सदस्य गुलचंद्रसिंह बर्ने, शाहपुर मंडलाध्यक्ष वीरेन्द्र तिवारी, नीतिन महाजन, राजू पाटिल, प्रदीप पाटिल, योेगेश चौधरी, एप्को के अभिजीत शर्मा, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकरी अनिल पवार, उमेश सातारकर, दिलीप राठौर, मुरली महाजन, डॉ.विनोद महाजन, मधुकर महाजन, कैलाश महाजन, जीवन भेरता, वैभव महाजन, डिगंबर भाई, किशोर महाजन, धारासिंह चौहान, सदाशिव टेलर, रमेश महाजन, कुंवरसिंह महाराज सहित बड़ी संख्या में कृषक व ग्रामीणजन मौजूद रहे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading