NIT की खबर का असर: विधानसभा में गूंजा 2 करोड़ 75 लाख की इंटकवेल योजना का मामला, 8 वर्ष बाद भी नहीं शुरू हो पाई जल आवर्धन योजना | New India Times

पीयूष मिश्रा/अश्वनी मिश्रा,सिवनी/छपारा (मप्र), NIT; ​NIT की खबर का असर: विधानसभा में गूंजा 2 करोड़ 75 लाख की इंटकवेल योजना का मामला, 8 वर्ष बाद भी नहीं शुरू हो पाई जल आवर्धन योजना | New India Timesआखिरकार मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत छपारा के लिए 8 वर्ष पूर्व स्वीकृत हुई 2 करोड़ 75 लाख रूपय की लागत से इंटक वेल और जल आवर्धन योजना का मामला विधानसभा में केवलारी विधायक रजनीश सिंह ने जोर शोर से उठाया है।

ज्ञात हो कि छपारा नगर के लिए स्वीकृत हुई 2 करोड़ 75 लाख रुपए की इंटक वेल और जल आवर्धन योजना में भारी गड़बड़ी तथा विभागीय कमीशनखोरी का मामला NIT ने प्रकाशित किया था। इस मामले में केवलारी विधायक रजनीश सिंह ने संज्ञान लेते हुए 15 मार्च को विधानसभा में जोर शोर से इस जल आवर्धन योजना मामले को उठाते हुए विधानसभा को बताया कि एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध के समीप बसे छपारा नगर में ही आम जनता को साल भर पानी पानी के लिए तरसना पड़ता है। विधायक ने विधान सभा को संबोधित करते हुए यह भी बताया कि 2 करोड़ 75 लाख की लागत से 8 वर्ष पूर्व 23 फरवरी 2010 को यह जल आवर्धन योजना स्वीकृत हुई थी जो आज वर्तमान तक शुरू नहीं हो पाई है, विधायक रजनीश सिंह ने विधानसभा को यह भी बताया कि 2 जुलाई 2014 तक इस योजना से 80 लाख रुपए भी खर्च किए जा चुके थे और आज भी इस जल आवर्धन योजना का काम आधा अधूरा पड़ा हुआ है। वही छपारा नगर में इस जल आवर्धन योजना से अब तक पेयजल सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है उन्होंने विधानसभा को संबोधित करते हुए यह भी कह दिया कि यह तो वही कहावत हुई जैसे कि भरे तालाब में घोघा प्यासा।​NIT की खबर का असर: विधानसभा में गूंजा 2 करोड़ 75 लाख की इंटकवेल योजना का मामला, 8 वर्ष बाद भी नहीं शुरू हो पाई जल आवर्धन योजना | New India Times

यह है पूरा मामला

  • 2 करोड़ 75 लाख की इंटकवेल योजना शुरू होने के पहले ही खत्म होने की कगार पर?
  • मापदंड के विपरीत बना इंटकवेल 20 फीट दूर पहुंचा पानी

उक्त पूरे मामले में पीएचई विभाग और संबंधित ठेकेदार के द्वारा छपारा कला के मोक्ष धाम के समीप इंटेक वेल अर्थात कुए का निर्माण बीते वर्ष किया गया था जो आज भी पूरी तरह अपूर्ण स्थिति में है। निविदा के अनुसार इस इंटकवेल का कार्य आज भी पूरी तरह अपूर्ण पड़ा हुआ है जो जमीनी हकीकत बताने को काफी है। विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार तथा तथाकथित जन प्रतिनिधियों की कमीशनखोरी के चलते मार्च माह के शुरुआत में ही उक्त परियोजना शुरू होने के पहले ही पूरी तरह खत्म होने के कगार पर पहुंच चुकी है। जब हमारी टीम ने इंटकवेल योजना का स्थल निरीक्षण किया तो कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई और यह जानकारी उक्त विभागीय अधिकारियों तथा ठेकेदार सहित वाही वाही लूटने वाले जनप्रतिनिधियों की पोल खोलने के लिए काफी हैं। जब हमारी टीम ने कर्बला घाट और छपारा कला के समीप बने इंटेक वेल का निरीक्षण किया तो कई चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई। जिस स्थान पर उक्त इंटकवेल का निर्माण किया गया है उसके पानी स्टोर करने के स्थल से लगभग 20 फीट नीचे वैनगंगा नदी का पानी पहुंच चुका है ऐसी स्थिति में क्या छपारा नगर को उक्त योजना का लाभ मिल पाएगा यह कोई बताने को तैयार नहीं है लेकिन हमारी टीम के निरीक्षण के दौरान जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं वह यह बताने को काफी है कि इस पूरी परियोजना में निर्माण एजेंसी और ठेकेदार सहित जनप्रतिनिधियों ने भी भारी कमीशनबाजी की है जिसका पूरा खामियाजा छपारा की जनता को भुगतना पड़ेगा। अब इस पूरे मामले में केवलारी विधायक रजनीश सिंह ने पूरे जोर-शोर से विधानसभा में मामले को उठाया है देखने वाली बात यह रहेगी कि दोषियों पर कब तक कार्रवाई हो पाती है और छपारा नगर की आम जनता को इस परियोजना से पानी नसीब हो पाता है या नहीं?


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