साबिर खान, लखनऊ, NIT; नवाबों के तारीखी शहर लखनऊ में भष्टाचार व अव्यवस्था जहां चरम पर है वहीं नेतागीरी में पहले नंबर पर दिखाई दे रही है। यहां जहाँ सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है वहीं जन सुविधाओं का भी जबरदस्त अभाव है। ना तो यहां नालियां साफ दिखाई दे रही हैं और न ही पानी बिजली की सुचारू व्यवस्था है। लखनऊ शहर का वीआईपी इलाका हो या अन्य क्षेत्र, हर जगह बिजली के खंभों पर लटकते हुए बिजली के तारों के गुच्छे और बजबजाती हुई नालियां जरूर दिखाई दे देती हैं। लखनऊ के चारबाग, हजरतगंज, अमीनाबाद, कैसरबाग, चौक व दिगर इलाकों का जायजा लेने पर हर जगह बिजली के खंभों पर लटकते हुए बिजली के तारों के गुच्छे व बजबजाती हुई नालियां दिखाई दीं। अब सवाल यह है कि आखिर नवाबों के इस तारीखी शहर की हालत ऐसी क्यों है? उत्तर प्रदेश की राजधानी व सभी मंत्रियों के बंगले व कार्यालय होने के बावजूद लोग शहर के प्रति इतनी लापरवाही क्यों बरत रहे हैं? यहाँ ट्रेफिक की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। यहां लगभग हर जगह लोग अपनी नेतागीरी व पहुंच का परिचय देते जरूर दिखाई देते है लेकिन जन सुविधाओं व सुरक्षा के प्रति कोई जागरूक दिखाई नहीं देता है। देश की आजादी के 72 वर्ष बाद भी लखनऊ काफी पिछडा हुआ दिखाई दे रहा है। योगी राज में लखनऊ की हालत कहां तक सुधरती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.