ककासिम खलील, बुलढणा (महाराष्ट्र), NIT; जिला सरकारी अस्पताल में चल रहे फर्जी विकलांग प्रमाण पत्रों का स्टिंग ऑपरेशन कर इस गोरखधंधे में शामिल डॉक्टरों को बेनकाब करने वाले अकोला निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मुकीम अहमद व उनके तीन कार्यकर्ताओं को गुरुवार को कोर्ट में पेश करने पर कोर्ट ने उन्हें सशर्त ज़मानत दे दी है।
बुलढाणा के जिला सरकारी अस्पताल में सन 2010 में अकोला निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मुकीम अहमद ने फर्जी विकलांग प्रमाणपत्र का स्टिंग ऑपरेशन करते हुए पूरे राज्य में हलचल मचा दी थी। इस स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से अकोला के तत्कालीन जिलाधीश मुथ्थुकृष्णन नारायणन के फोटो का उपयोग कर उन्हीं के नाम पर एक दलाल के माध्यम से जिला अस्पताल के विकलांग बोर्ड में शामिल डॉक्टरों ने उम्मीदवार को देखे बगैर ही 70 प्रतिशत कर्णबधिर का विकलांग प्रमाणपत्र प्रदान कर दिया था।बुलढाणा जिला अस्पताल के इस गोरखधंदे को अकोला के तत्कालीन जिलाधीश मुथ्थुकृष्णन ने गंभीरता से लिया और अकोला के तत्कालीन एसपी प्रवीण कुमार पडवल से बात करने के बाद अकोला के सिटी कोतवाली थाने में बुलढाणा जिला अस्पताल के विकलांग बोर्ड में शामिल कर्णबधिर तज्ञ डॉ. जे.बी राजपूत, प्रभारी जिला शल्य चिकित्सक डॉ. अशोक हीवाले, डॉ.अवाके व अन्य 2 के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था जिसे अकोला पुलिस ने बुलढाणा शहर थाने में जीरो नंबर के तहत दर्ज कर दिया था।
इस मामले में आरोपी बने विकलांग बोर्ड में शामिल डॉक्टरों ने नागपुर हाईकोर्ट में उन पर दाखिल एफआईआर को खारिज करने की गुहार लगाई थी जिसकी सुनवाई के समय इस मामले में एक नया मोड़ आ गया और कोर्ट ने इस स्टिंग ऑपरेशन को गैरकानूनी बताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मुकीम अहमद सहित स्टिंग ऑपरेशन में शामिल उनके कार्यकर्ता अमीर मुश्ताक़, मो.तौसीफ व समीर खान के खिलाफ अपराध दर्ज करने का फरमान 5 फरवरी को दिया था। 25 फरवरी को बुलढाणा उपविभागीय पुलिस अधिकारी बी.बी.महामुनि की शिकायत पर बुलढाणा शहर थाने में विविध धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर 9 मार्च को उपरोक्त चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें कोर्ट ने पहले 14 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया था। यह कस्टडी समाप्त होने पर फिर से 1 दिन का रिमांड दिया गया। गुरुवार को कस्टडी खत्म होने पर फिर उन्हें कोर्ट में हाज़िर करने पर उन्हें सशर्त ज़मानत पर रिहा कर दिया गया।
अकोला-बुलढाणा के बोगस विकलांग शिक्षकों को करेंगे बेनकाब
सच्चाई का रास्ता आसान नही है, यह बिल्कुल सच है। हमने स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से बोगस विकलांग प्रमाणपत्र बेचने वालों को बेनकाब किया था। मा. हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए हमने पुलिस को पूरी मदद की है। अब अकोला एंव बुलढाणा ज़िला परिषद में फर्जी विकलांग प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर शासन को करोड़ों रुपए की चपत लगाने वालों पर पुलिस में गुनाह दर्ज हो तथा सभी को निष्कासित किये जाने के की मांग को लेकर अब हम नागपुर हाईकोर्ट में पिटीशन दाखिल करेंगे, साथ ही अकोला जिला परिषद के उन 156 बोगस शिक्षकों पर कार्रवाई करवाने के लिए अब हमें कोई परेशानी नही होने वाली है। स्टिंग ऑपरेशन मामले में हम पर कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई होने से अगली कानूनी लड़ाई के लिए हमारा रास्ता अब आसान हो गया है: मुकीम अहमद
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