भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे बहराइच जिला में नवनियुक्त जिला अधिकारी की होगी अग्नि परीक्षा | New India Times

फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT; ​भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे बहराइच जिला में नवनियुक्त जिला अधिकारी की होगी अग्नि परीक्षा | New India Times

उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में आने वाला जिला बहराइच जो नेपाल बॉर्डर से लगा हुआ है, जिसका कई पौराणिक व प्राचीन मान्यताओं के इतिहास को लेकर अपना एक अलग ही महत्व रहा है वही साल-दर-साल बदल रहे युग के दौर में सत्ता के लोभियों व उनसे नजदीकियां बढ़ा कर बेबस आवाम की आवाज का कत्ल करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों की वजह से गंगा जमुनी तहजीब के नाम से जाना जाने वाला यह जिला आज भ्रष्टाचारियों वा अपराधियों के गढ़ के रूप में भी जाना जाने लगा है। ऐसे में अगर यह कहा जाए कि इस जनपद में नवनियुक्त जिला अधिकारी माला श्रीवास्तव का आगमन स्वयं उनके लिए भी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी तो शायद गलत नहीं होगा। हालांकि आज जहां महिलाएं विकास की नई नई पटकथाएं लिख रही हैं वही श्रीमती श्रीवास्तव भी क्या बहराइच के ऐतिहासिक पन्नों में पूर्व जिलाधिकारी श्री पंकज श्रीवास्तव ,श्री दिनेश सिंह, पिंकी जोवेल व किंजल जैसे धाकड़ कर्तव्यनिष्ठ व आवाम की जुबान से रटे जाने वाले अधिकारियों के साथ अपना भी नाम दर्ज करवा पाएंगी, या फिर जिले के सबसे प्रतिष्ठित प्रशासनिक पद पर पूर्व में आते रहे अधिकारियों की तरह मात्र एक कोरम की भरपाई करेंगी, यह जिले में उनका आने वाला इतिहास तय करेगा।​भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे बहराइच जिला में नवनियुक्त जिला अधिकारी की होगी अग्नि परीक्षा | New India Timesहम आपको बताते चलें कि जनपद के इतिहास में आने वाले चंद अधिकारी ऐसे भी हैं जिनका नाम जिले की आवाम आज भी सम्मान के साथ लेती है ।जनपद में नई जिला अधिकारी की नियुक्ति को लेकर जब संवाददाता ने आम लोगों की राय जानने की कोशिश की तो लोगों ने ऐसी जम्हाई व उबकाई ली मानो उन्हें किसी बंधन से मुक्ति मिल गई हो  शायद जनपद में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा था कि एक जिलाधिकारी के जिले से विदाई के बाद चारों ओर ख़ुशी का माहौल देखा जा रहा था। कुछ लोगों ने तो उनके विदाई को लेकर संवाददाता को भी खुश रहने की नसीहत दे डाली, लेकिन ज्यादातर लोगों का यही कहना था कि श्रीमती माला श्रीवास्तव यहां के इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर अपना नाम दर्ज करवा कर ही जाएंगी।

जहाँ यहां की आवाम व अधिकारियों का पिछला समय जनता दर्शन व चौपालों को लेकर जिलाधिकारी की चौखट पर बीता है वही अब जिले के शुरू हो रहे नए कार्यालय में उक्त बातों पर नई नई चर्चाओं का दौर भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।

 मालूम हो कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिले के सभी अधिकारियों को 10:00 से 12:00 बजे तक का समय अपने अपने कार्यालय पर बैठकर जनता की बात व उनका दुख दर्द सुनने के लिए निर्धारित किया गया था, बावजूद इसके ज्यादातर अधिकारियों का यह अमूल्य समय निवर्तमान जिलाधिकारी द्वारा लगवाय गए चौपालों व मीटिंग के नाम पर डीएम की दहलीज पर जनता के आंसुओं को सोखता रहा। जबकि जिलाधिकारी कार्यालय पर पत्रकारों के मिलने का कोई भी समय भले ही निर्धारित ना किया गया हो या डीए से मिलने के लिए पत्रकारों को लंबा इंतजार करना पड़ा हो या प्रेस कॉन्फ्रेंस का वजूद खत्म सा महसूस होने लगा हो लेकिन सुबह 10:00 बजे से रात लगभग 9-10बजे तक स्वयं जिलाधिकारी द्वारा हजारों लाखों जनता को समय देने व उनके लाखों विवादित मामलों को देखने सुनने के बाद भी लोगों की ज्यादातर समस्याएं जस की तस बरकरार रहने के बाद भी कोई यह पूछने वाला नहीं है कि आए हुए लाखों फरियादियों के सापेक्ष में आज तक कुल कितने मामलों का निस्तारण हो पाया।

फिर सरकार की प्राथमिकताओ में शामिल तहसील दिवस का क्या हाल होगा इसका संज्ञान स्वतः ही लगाया जा सकता है। ऐसे में राजनीतिज्ञों व जिलाधिकारी की चौखट नापकर अपने नाम का डंका बजाने वाले जनपद के बेलगाम हो चुके अधिकारियों व कर्मचारियों की नकेल कसना वर्तमान जिलाधिकारी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं कहीं जा सकती, वह भी तब जब इस जिले में भ्रष्टाचार की छाती पर बैठकर खुलेआम अपराध का खेल खेलने वाले डीआईओएस राजेंद्र कुमार पांडे, सीएमओ अरुण कुमार पांडे, निवर्तमान एसीएमओ व वर्तमान संयुक्त स्वास्थ्य निदेशक लखनऊ डॉ जे एन मिश्रा, ईओ नगर पालिका पवन कुमार, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि हाजी रेहान, आशुलिपिक जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय हरेंद्र सिंह, लिपिक कृष्ण कुमार मिश्रा, निवर्तमान लेखपाल बशीर अहमद, कृषि विभाग के रसूल अहमद कृषि मंडी में फर्जी लोगों द्वारा सरकारी कार्य कर रहे लोग, डॉ0 आर के वर्मा, डॉ0 एस के वर्मा,  डॉ0 मलय श्रीवास्तव,  डॉक्टर के0के0 वर्मा वा डॉ0ए0 के0 जिंदल आदि द्वारा खुलेआम प्राइवेट प्रैक्टिस करने व कोषागार सहित कई विभागों में भयानक आग की तरह जल रहे भ्रष्टाचार का नंगा नाच नाचा जा रहा हो, ऐसे जिले में सत्य को बचाने के लिए जल रही भ्रष्टाचार की अग्नि में अपनी होने वाली परीक्षा में पास होकर क्या नवनियुक्त जिला अधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव जनता के अरमानों पर खरा उतर पाएंगी या नहीं यह बात अभी समय के गर्भ में है।

By nit

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