अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोलार स्थित निदान पैथालोजी सेंटर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। आश्चर्य की बात यह है किनिदान पैथालोजी ने अपनी रिपोर्ट में INR (international normalized ratio) 4.78 अंकित किया है, वहीं जवाहर लाल नेहरु कैंसर हॉस्पिटल भोपाल के रिपोर्ट में INR (international normalized ratio) 1.0 है।
मिली जानकारी के अनुसार अरुणा सोनी पत्नी रमेश कुमार सोनी कोलार भोपाल निवासी ने तबियत खाराब होने पर कोलार स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल में डा. निधि गुप्ता (गायनी) को 06/01/2018 को दिखाया था तो उन्होंने ब्लड टेस्ट के लिये निदान पैथालोजी में रेफेर किया जिसकी जांच दिनांक 10/01/2018 को कोलार स्थित निदान पैथालोजी( जिस का reg no path/85/nov.2011 है ) से करवाई गई जिसकी रिपोर्ट दिनांक 11/01/2018 को मिली , रिपोर्ट में मरीज का INR (international normalized ratio) 4.78 अंकित किया गया था जिसे देखकर डा. निधि गुप्ता (गायनी) ने तुरंत हॉस्पिटल के लिये रेफेर कर दिया (जहा पर कोई फिजिशियन डॉक्टर उपलब्ध हो )जिस से पूरा परिवार तनाव कि स्तिथि में आ गया तथा आपात काल की स्तिथि में उक्त जांच के रिपोर्ट के आधार पर जवाहर लाल नेहरु कैंसर हॉस्पिटल भोपाल में मरीज को भर्ती करना पडा जहा पर चिकित्सकों द्वारा पुनः ब्लड सैंपल लिया गया एवं उसे जांच के लिये भेज दिया गया।साथ ही साथ निदान पैथालोजी से करवाई गई जाचं की रिपोर्ट में मरीज का INR (international normalized ratio) 4.78 अंकित किया गया था जिसके आधार पर हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने दवाई के अतिरिक्त पलाज्मा चढाने का सुझाव दिया । जिस पर लगभग 30 हज़ार रूपये खर्च भी हुए तथा कुछ ही देर बाद मरीज कि हालत बिगड़ने लगी इसी बीच जवाहर लाल कैंसर हॉस्पिटल की जांच की रिपोर्ट भी आ गयी जिसे चिकित्सकों ने देख कर आशचर्य व्यक्त किया कि निदान पैथालोजी ने अपनी रिपोर्ट में INR (international normalized ratio) 4.78 कैसे अंकित कर दिया जब कि जवाहर लाल नेहरु कैंसर हॉस्पिटल भोपाल के रिपोर्ट में INR (international normalized ratio) 1.0 है। चिकित्सकों द्वारा शेष बचा हुआ प्लाज्मा नहीं चढ़ाया गया एवं मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया । इस प्रकार मरीज को शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक छति पहुंची एव पूरा परिवार तनावग्रस्त रहा।
- निदान पैथालोजी के द्वारा इस सवेंदन शील कार्य को इतनी लापरवाही एव उपेक्षा पूर्ण करने की वजह से मरीज एवं उसके परिजन ने रोष व्याप्त कर प्रशासन से जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की है।
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