Edited by Maqsood Ali, नई दिल्ली, NIT;
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हर साल सरकार की तरफ से हज सब्सिडी के रूप में 700 करोड़ रुपये दी जाती थी। नकवी ने इसके साथ ही बताया कि पिछले साल जहां सवा लाख मुस्लिम हज पर गए थे, वहीं इस बार 1.75 लाख जायरीन हज यात्रा पर मक्का जाएंगे। यह संख्या आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक है। मुख्तार अब्बास नकवी ने साथ ही बताया कि हज सब्सिडी से बचने वाली राशि सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे 2022 तक पूरी तक खत्म कर देना चाहिए। इसे लेकर केंद्र सरकार ने भी 2018 से हज सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह खत्म किए जाने की बात कही थी। वहीं केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी पिछले दिनों इस ओर कदम उठाए जाने की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि हज सब्सिडी से बचने वाली राशि मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी।