पुलिस की लापरवाही से अकोला जिले में बढता जा रहा है अपराध का ग्राफ, नागरिक महसूस कर रहे स्वयं को असुरक्षित | New India Times

ओवेस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT; ​पुलिस की लापरवाही से अकोला जिले में बढता जा रहा है अपराध का ग्राफ, नागरिक महसूस कर रहे स्वयं को असुरक्षित | New India Timesजिले में जहां बेखौफ अपराधी अपराधीक घटनाएं अंजाम दे रहे हैं वहीं बढते अपराधिक घटनाओं से जिला वासियों में असुरक्षा की भावना बढती जा रही है, इस के बावजूद पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था को लेकर संजीदा दिखाई नहीं दे रही है।

जानकारी के अनुसार शहर के विविध परीसर में अवैध धंदे जोरों पर हैं,नए गुन्हेगार सिर उठा रहे हैं, इन सब वारदातो के पीछे कौन जिम्मेदार है? इन सब मामलों में पुलीस निरीक्षक द्वारा कोई ठोस कारवाई न किए जाने तथा नियंत्रण निष्क्रीयता का आरोप नागरिक लगाते रहते हैं। अकोट फाईल परिसर के साथ ही शहर में अवैध धंदे , चोरी , हत्या की वारदातों में निरंतर इजाफा हुआ है। तत्कालीन पुलीस अधीक्षक चंद्र किशोर मीणा के कार्यकाल में गुन्हेगार अपने सिर छुपा लिए थे लेकिन अब यही सिर उठाते हुए नजर आ रहे हैं। जिले में चोरी, हत्याओं की वारदातों में दिन प्रति दिन इजाफा होता जा रहा है, जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालिया निशान लग रहा है।

अकोट फाईल तथा शहर में यदि ठोस कारवाई की जाती तो अपराधिक वारदातों पर जरूर अंकुश लगता। आरोप है कि गठित विशेष पथक के साथ स्थानीय पुलीस निरीक्षक भी कारवाई करने से परहेज करते है। नागरिकों का सवाल है कि क्यों खुफिया विभाग द्वारा घटना से पूर्व जानकारी मुख्य पुलीस विभाग तक नहीं पहुंच पाती है ? अकोट फाईल परिसर को बदनाम तथा शांतता भंग करने में कोई राजनीतीक हाथ तो नहीं है? क्या पुलीस प्रशासन पर कोई राजनीतिक दबाव है? गृह राज्य मंत्री इसी शहर के होने के बावजुद शहर में इतनी असुरक्षता क्यों? क्या पुलिस प्रशासन  कमजोर पड रहा है? ऐसे विविध सवाल नागरिको द्वारा किए जा रहे हैं। बढते वारदातों से नागरिक स्वयं को असुरक्षित मेहसूस कर रहे हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबीक जिले मे विगत 1 जनवरी 17 से 31 नवंबर 2017 तक 63 जाला साजी की घटनाए तथा वर्ष 2017 के 11 माह में जिले मे 33 हत्याएं , 23 गंभीर रूप से घायाल करने की घटनाएं एवं 55 हत्या के प्रयास की घटना सामने आई हैं। जिला पुलीस प्रशासन के प्रयास के बावजुद भी अपराध के ग्राफ में निरंतर बढोतरी होती नजर आ रही है। नागरिकों में दहशत एवं असुरक्षता का माहौल पैदा हो गया है। पता नही कब प्रशासन पूर्ण रूप से अपराधियों पर शिकांजा कसेगी तथा नागरीक स्वयं को सुरक्षीत महसूस करेंगे। इसी तराह विगत बुधवार की रात अकोट फाईल परिसर में एक ही सम्प्रदाय के दो गुटों में भिड़ंत हो गई जिसमें दोनों गुटो की ओर से पत्थर बाजी की गइ तथा घटना में दो दुपहिया वाहन, टैंकर के शीशे चकनाचूर कर दिए, तो दूसरी ओर बालापूर नाका परिसर में पुरानी रंजिश को लेकर दो गुटों की लडाइ में एक की हत्या की गई। घटना की जानकारी मिलने के पश्चात जिला पुलिस अधीक्षक एम राकेश कलासागार , अपर पुलिस अधीक्षक विजयकांत सागर,  शहर उप विभागीय अधिकारी उमेश माने पाटिल, स्थानीय अपराध के पुलिस निरीक्षक कैलास नागरे , पुराना शहर पुलिस निरीक्षक गजानन पड़घन ने घटना स्थल का जायजा लिया तथा देर रात पुलिस की कारवाई जारी रही।​

पुलिस की लापरवाही से अकोला जिले में बढता जा रहा है अपराध का ग्राफ, नागरिक महसूस कर रहे स्वयं को असुरक्षित | New India Timesजिले में हुई अब तक की वारदातें:-

◆ 31 ननवंबर 2017 तक जालसाजी की 63 घटनाएं
◆ वर्ष के 11 माह में जिले में 33 हत्याएं
◆ 23 गंभीर रूप से घायल करने की घटनाएं
◆ 55 हत्या के प्रयास 

यातायात दुर्घटनाओं में कमी:-

विगत वर्ष के मुकाबले मे इस वर्ष दुर्घटनाओं मे 3 प्रतिशत कमी आई है। 1 जनवरी 17 से 31 नवंबर 2017 तक 976 मामले दर्ज जिसमें 974 घटनाओं की सफलता पूर्वक जांच हुई।


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